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Showing posts from July, 2021

Qualities of Ms Dhoni - हम Ms Dhoni se क्या सीख सकते है?

 जब भी हम captain cool का नाम सुनते है तब हम सब के मन मे बस एक ही नाम आता है और वो नाम है Mahendra Singh Dhoni. Ms Dhon i एक ऐसा नाम जिसने Indian cricket team को अपनी कप्तानी से कई match जिताये है. Ms Dhoni की गिनती cricket के इतिहास मे Top के कप्तानों में की जाती है और हो भी क्यों ना उनकी कप्तानी में भारत ने Icc की हर एक trophy जीती है. Ms Dhoni  की कप्तानी में भारतीय टीम ने 28 साल बाद world cup जीता था और उन्हीं के कप्तानी में भारत ने 2007 में T-20 world cup भी जीता था. भारत के लिए कई खिलाड़ियों ने कप्तानी की है लेकिन Dhoni जैसे लोगों के दिलों में शायद ही कोई और जगह बना पाया हो.लोगों को Dhoni के लिए इतना प्यार उनको बाकी कप्तानों से बिल्कुल अलग बनाता है. Qualities of Ms Dhon i Confidence Ms Dhoni शुरूवात से ही काफी confident है,ऐसे कई सारे वाक्या है जब Ms Dhoni ने अपने confident भरे decision से सबको हैरान किया हो इसका सबसे बड़ा example 2011 का worldcup था जब presseure वली situation में Dhoni खुद Yuvraj Singh से ऊपर batting करने आए और भारत को मैच जीता दिया हालांकि Yuvraj Singh से

सोशल मीडिया पर उठ रही है भू कानून को लागू करने की मांग,आखिर क्या है भू कानून?

 पिछले कई दिनों से उत्तराखंड भू कानून का मुद्दा लोगो के बीच काफी चर्चा में है और सोशल मीडिया पर भी #उत्तराखंड भू कानून खूब ट्रेंड कर रहा है, उत्तराखंड के लोग इसमें सुधर की मांग कर रहे है। उत्तराखंड के लोग लगातार अपनी पूरी कोशिश कर रहे है की उनकी ये बात सरकार के कानो तक पहुंचे और उत्तराखंड भू कानून मुद्दा वहां की सरकार के लिए इसलिए भी अहम् हो जाता है क्योंकि अगले साल उत्तराखंड में चुनाव है।  क्या है उत्तराखंड भू-कानून ? एक रिपोर्ट के मुताबिक़ 2002 तक अन्य राज्य के लोग उत्तराखंड में 200 वर्ग जमीन खरीद सकते थे यानी की अगर आप उत्तराखंड के वासी नहीं हो तो आप 200 वर्ग मीटर से ज़यादा जमीन नहीं खरीद सकते, तो वहीं 2007 में इस कानून में फिर से बदला गया और 200 वर्ग की सीमा को बढ़ाकर 250 कर दिया गया। यहाँ तक तो फिर भी ठीक था लेकिन हद तो तब हुई जब अक्टूबर 2018 में भाजपा सरकार ने एक नया अध्यादेश जारी किया जिसमे जमीन खरीदने की सीमा हो ही समाप्त कर दिया गया,यानी अब उत्तराखंड निवासी के अलावा कोई भी उत्तराखंड में कितनी भी ज़मीन खरीद सकता है।  अगर हम साल 2000 के एक रिपोर्ट की बात कर्रे तो उस वक़्त  उत्तराखण्ड